Biography of Vasco da gama in hindi। वास्कोडिगामा जीवन परिचय और भारत का सफर।

Biography of Vasco da gama in hindi:वास्कोडिगामा एक खोजी नाविक थे। उनका जन्म 1460 में पुर्तगाल में हुआ था। वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने अफ्रीका महाद्वीप का चक्कर लगाकर यूरोप से भारत पहुंचने में सफलता हासिल की थी।

Vasco da Gama profile। वास्कोडिगामा प्रोफाइल

पूरा नामविदिगुएरा वास्को डी गामा
जन्म1460
जन्म स्थानपुर्तगाल
मृत्यु 24 दिसंबर 1524
मृत्यु स्थानभारत (कोच्चि)
मृत्यु का कारणमलेरिया
पिता का नामएस्तेवाओ डिगामा
माता का नाम डोना इसाबेल सोद्रे
पत्नी का नामकैटरीना डी अटैड
बच्चेफ्रांसिस्को डिगामा , विदीगुएर डी गामा, क्रिस्टोवाओ डी गामा

वास्को डि गामा का आरंभिक जीवन

वास्को डि गामा का बचपन साइनस नाम के कस्बे में बीता था।जो की समुद्र के किनारे पर स्थित था,उनके पिताजी का नाम एस्तेवाओ डि गामा और उनकी माता जी का नाम डोना इसाबेल सोद्रे था। उनके पिता को राजशाही द्वारा नाइट की उपाधि मिली थी,और वह एक खोजी नाविक थे। वास्को डी गामा ने आगे चलकर अपने पिता का ही व्यवसाय चुना और वह भी समुद्र में यात्रा के लिए जा रहे जहाजों की कमान संभालने लगे ।

वास्को डि गामा भारत की खोज कैसे की

Biography of Vasco da gama in hindi

भारत के मसाले यूरोप में बहुत ज्यादा लोकप्रिय था, लेकिन उस समय यूरोप वासियों को भारत जाने वाले जिस इकलौते रास्ते के बारे में पता था। वह जमीन से होकर जाता था यह रास्ता राजनीतिक मुश्किलों से भरा होने के साथ-साथ काफी खर्चीला और खतरनाक था। पुर्तगाल के राजा का विचार था, कि अगर वह समुद्र के जरिए भारत जाने वाले किसी रास्ते के बारे में पता लगा ले तो, वह यूरोप में मसाले के व्यापार से काफी ज्यादा फायदा हो सकता है। उस समय समुद्र के जरिए यूरोप से भारत पहुंचने का विचार एक पुर्तगाल बार्टोमोमियू डियाज द्वारा किया गया था। उन्होंने केप.आफ.गुड.होप की खोज की थी, जो की अफ्रीका महाद्वीप के बिल्कुल दक्षिण में स्थित समुद्र तट पर वसा एक स्थान था। माना जाता था कि वहां से पूर्व की ओर जाने वाले जहाज भारत पहुंच सकते थे। राजा द्वारा वास्कोडिगामा को जहाज और आदमियों के साथ केप.आफ.गुड.होप के रास्ते से भारत जाने वाले रास्ते को खोजने के लिए कहा गया, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर व्यापार के नए मौके हाथ लगे तो उनके बारे में भी पता लगाए। वास्कोडिगामा 8 जुलाई 1497 को चार समुद्र जहाज और 170 आदमियों के साथ पुर्तगाल तट से रवाना हुए। पहले वह दक्षिण की तरफ केप.ऑफ.गुड.होप की ओर गए और 22 नवंबर को वहां पहुंच गए। इसके बाद अफ्रीका तट के साथ-साथ उत्तर की ओर बढ़े और रास्ते में व्यापारिक बंदरगाहों पड़ाव डालते गए। इसके बाद 14 अप्रैल 1498 को महालंदी बंदरगाह पर पहुंचने पर उन्हें वहां के एक स्थानीय नाविक से भारत की ओर जाने वाली दिशा के बारे में पता चला। इसके बाद मानसून हवाओं की सहायता से वास्को डी गामा का जहाज भारत की ओर चल पड़ा और 20 मई 1498 को भारत के केरल राज्य के कालीकट नामक स्थान पर उन्होंने अपने कदम रखें। कालीकट को मलयालम भाषा में कोझिकोड भी कहा जाता है, इस तरह से वास्को डि गामा को भारत पहुंचने में लगभग 10 महीने का समय लगा था। कालीकट पहुंचने पर वास्को डि गामा के दल की स्थानीय राजा से मुलाकात हुई वास्कोडिगामा ने राजा से व्यापारिक सहेलियत लेने की कोशिश की लेकिन उनके मुस्लिम दरबारी ने इस काम में अर्चन पैदा की यह इसलिए क्योंकि पुर्तगाली ईसाई थे।

वास्को डि गामा की भारत से वापसी

अगस्त 1498 में वास्को डि गामा अपने देश की ओर वापसी का रास्ता पकड़ लिया लेकिन वापसी का रास्ता विपरीत मौसम की वजह से काफी खराब रहा और उनके दल के आधे से ज्यादा व्यक्ति बीमार की वजह से मारे गए । आए तो 170 यात्रियों और चार जहाजों के साथ लेकिन पहुंचे 55 यात्रियों और दो जहाजों के साथ। जब वास्को डि गामा अपने देश पहुंचे तब उनका जोरदार स्वागत हुआ क्योंकि उन्हें जिस काम के लिए भेजा गया था, उन्होंने पूरा किया था बाद में उन पर कई नाम की बरसात की गई थी इसके बाद वास्को डि गामा को दो बार ओर भारत जाने का मौका मिला। उन्हें भारत जाने वाले समुद्र दल का मुखिया बनाकर भेजा गया था, उनकी यात्राओं से पुर्तगालियों का भारत के साथ व्यापार काफी बढ़ गया था, और साथ ही साथ उनकी शक्ति भी काफी बढ़ गई थी। तीसरी बार भारत पहुंचने के बाद कुछ समय के बाद उनकी मलेरिया के कारण मृत्यु हो गई।

वास्कोडिगामा की मृत्यु कैसे हुई

वास्कोडिगामा तीसरी बार जब 1524 को भारत पहुंचे तब उनकी मौत मलेरिया के कारण 24 मई 1524 को भारत में ही हो गई। पहले उन्हें भारत के कोच्चि में ही दफनाया गया लेकिन बाद में 1538 में कब्र खोदकर उनके अवशेषों को निकाला गया और पुर्तगाल ले जाया गया।

वास्कोडिगामा भारत कितने बार आया था

वास्को डि गामा भारत तीन बार आया था । तीसरी बार जब भारत आए तो उनकी यहीं पर मलेरिया के कारण मौत हो गई। पुर्तगाल का वास्को डि गामा यूरोप से भारत के लिए समुद्र का रास्ता खोजते हुए 1498 में पहली बार पहुंचा था। इसके बाद दो बार और भारत आए।

वास्कोडिगामा को भारत आने में कितना समय लगा और वास्कोडिगामा भारत कब पहुंचा

पुर्तगाली नाविक वास्को डि गामा यूरोप से भारत के लिए समुद्रीय रास्ता खोजते हुए 20 मई 1498 को भारत पहुंचा था। जिसमें उन्हें लगभग 9 से 10 महीने का समय लगा था।

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