Jairam Mahto biography in hindi:- जयराम महतो झारखंड के एक लोकप्रिय क्रांतिकारी और एक उभरते युवा नेता है। इनका व्यक्तित्व बहुत ही प्रभावशाली और आकर्षित है। वह बहुत से आंदोलनो में शामिल होते हैं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं, उनका विरोध करते हैं। उनके इसी अंदाज के वजह से वह लोगों के बीच बहुत ही लोकप्रिय हैं और वह जहां भी जाते हैं उनके भाषण सुनने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है। बहुत ही तादाद में लोग उनके भाषण सुनने के लिए जमा हो जाते हैं। तो चलिए हम जयराम महतो के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
जयराम महतो प्रोफाइल। Jairam Mahto profile
पूरा नाम | जयराम महतो |
उपनाम | टाइगर जयराम |
जन्म | 27 दिसंबर 1994 |
उम्र | 29 वर्ष |
जन्म स्थान | तोपचांची, धनबाद, झारखंड |
होमटाउन | तोपचांची, धनबाद, झारखंड |
पिता का नाम | स्व. कृष्ण प्रसाद महतो |
माता का नाम | Update soon.. |
भाई का नाम | Update soon.. |
धर्म | हिंदू |
जाति | कुरमी |
पार्टी का नाम | झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति ( JBKSS ) |
पार्टी का चिन्ह | टाइगर |
एजुकेशन | Ph.D (English Hons.) , बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद |
भाषा | खोरठा, हिंदी, इंग्लिश |
जयराम महतो की प्रारंभिक जीवन। Jairam Mahto early life
![Jairam Mahto](https://news97.in/wp-content/uploads/2024/01/IMG_20240129_104610-928x1024.jpg)
![Jairam Mahto](https://news97.in/wp-content/uploads/2024/01/IMG_20240129_104551-827x1024.jpg)
जयराम महतो (Jairam Mahto) का जन्म 27 दिसंबर 1994 को झारखंड के धनबाद जिले के तोपचांची प्रखंड के मानटांड गांव में एक गरीब परिवार में हुआ है। उन्हें बचपन से ही क्रिकेट खेलने बहुत पसंद है और इसलिए इनका फेवरेट खेल भी क्रिकेट है। वह गेंद को उछल के पकड़ते थे टाइगर की तरह इसलिए उन्हें टाइगर जयराम के नाम से बुलाया जाने लगा। उनका बचपन बहुत ही गरीबी में बीता है। जयराम महतो के पिता का नाम कृष्ण प्रसाद महतो है, वह एक क्रांतिकारी थे जो झारखंड निर्माण आंदोलन में शामिल थे और वह तोपचाची प्रखंड में कार्यकर्ता थे तब उनकी मृत्यु सड़क जाम एवं नाकाबंदी के दौरान लाठी चार्ज से हो गई। जब जयराम महतो के पिता की मृत्यु हुई थी तब वह बहुत ही छोटे थे।
![Jairam Mahto biography](https://news97.in/wp-content/uploads/2024/01/IMG_20240129_104457-1024x876.jpg)
![Jairam Mahto](https://news97.in/wp-content/uploads/2024/01/IMG_20240129_104435.jpg)
![Jairam Mahto](https://news97.in/wp-content/uploads/2024/01/IMG_20240129_104354-1-855x1024.jpg)
जयराम महतो का बचपन में जीवन बहुत ही गरीबी में बीता और संघर्ष पूर्ण रहा, उनके पिता की मृत्यु के बाद उनकी माता को झारखंड सरकार द्वारा 3000 पेंशन महीने का मिलता था जिससे उसके परिवार को जीवन जापान करने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। उनके परिवार में कुल 4 सदस्य थे जो कि उनकी दादी, माता जी, एक छोटा भाई और वह स्वयं थे जो की ₹3000 महीने के खर्च के लिए बहुत कम पड़ जाता था। वह घर का खर्च चलाने के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करते थे और बहुत से स्कूलों में निशुल्क बच्चों को पढ़ते थे। वह दसवीं की पढ़ाई S.S.D हाई स्कूल धनबाद से, इंटर कतरास से , ग्रेजुएशन राजगंज डिग्री कॉलेज धनबाद से , PG मेमोरियल कॉलेज से और Ph.D बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद ( इंग्लिश hons.) से पूरी की है। जयराम महतो ने अपने जीवन में हर एक वह काम किया है एक किसान का बेटा करता है जैसे की खेती बारी करना , धान रोपना , बकरी पलना, बैल चराना आदि।
जयराम महतो का छात्र से युवा नेता बनने तक का सफर
![](https://news97.in/wp-content/uploads/2024/01/IMG_20240129_104513-1024x550.jpg)
जयराम महतो का युवा छात्र क्रांतिकारी बनने की शुरुआत 23 दिसंबर 2021 को होती है जब 2021 को एक अधिसूचना जारी कर राज्य के 11 जिलों में राज्य स्तरीय पर होने वाले परीक्षाओं में झारखंड के बाहरी भाषाओं जैसे कि भोजपुरी, मगही, मैथिली और अंगिका को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में अंगीकृत किया गया इस अधिसूचना के बाद हजारों लोग इसका विरोध करने के लिए एकत्रित हो गए और भाषा आंदोलन शुरू हो गई जिसमें युवाओं ने गिरिडीह और धनबाद जिलों के कई स्थानों पर भाषा के विरुद्ध आंदोलन करने लगे, इस आंदोलन में युवाओं के नेतृत्व जयराम महतो ने किया और इसके साथ तीर्थनाथ आकाश ने भी किया। इसी आंदोलन के बाद वह झारखंड के कई जिलों में जा जाकर आंदोलन करने लगे और वह लोगों के बीच लोकप्रिय होने लगे। जयराम महतो मुख्य रूप से अपने पिता से प्रेरित हुए थे। उन्हें शुरुवात में नेता बनने का कोई इच्छा नही था पर हालात को और झारखंड की व्यवस्था को देख के वह झारखंड में चुनाव लडने के लिए राजी हो गए। अब वह 2024 में लोकसभा और विधानसभा में चुनाव लडेंगे।
जयराम महतो की पार्टी
जयराम महतो ने अपनी पार्टी का गठन 18 जून 2023 को धनबाद जिले के बलियापुर हवाई पट्टी मैदान में आयोजित अधिवेशन में किया, उन्होंने अपने पार्टी का नाम झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति ( JBKSS) रखा। इस पार्टी का चिन्ह टाइगर है और पार्टी के प्रथम अध्यक्ष के रूप में पदभार वह स्वयं खुद ने संभाला है। पार्टी का गठन करने के साथ उन्होंने कहा कि आने वाले 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।उनकी पार्टी का पहला लक्ष्य होगा 1932 का खतियान को पूरे झारखंड में लागू करना।
जयराम महतो सोशल मीडिया
Read Also:कल्पना सोरेन जन्म, उम्र, पति, पेशा , पिता, एजुकेशन और जीवन परिचय