Yashasvi Jaiswal biography in hindi:-यशस्वी जयसवाल जीवन परिचय, नेटवर्थ, फैमिली और गर्लफ्रेंड

Yashasvi Jaiswal biography in hindi:- यशस्वी जयसवाल पेशे से एक क्रिकेटर है उनका जन्म 28 दिसंबर 2001 को उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के सुरियावां गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम भूपेंद्र जयसवाल है, जो भदोही में एक छोटे से हार्डवेयर के दुकान चलाते थे। उनकी माता का नाम कंचन जयसवाल है, जो की एक हाउसवाइफ है। यशस्वी को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था l इसीलिए वह 11 साल की उम्र में प्रैक्टिस के लिए मुंबई चले गए और उन्हें वहां बहुत कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था।

यशस्वी जायसवाल प्रोफाइल

पूरा नाम यशस्वी जयसवाल
निकनेमयशस्वी
जन्मतिथि28 दिसंबर 2001
उम्र22 वर्ष
जन्म स्थानसुरियावां,भदोही, उत्तर प्रदेश
होमटाउनदादर, मुंबई
पेशाक्रिकेटर
धर्म हिंदू
जातीजयसवाल
FAMILY
पिता का नामभूपेंद्र जयसवाल
माता का नामकंचन जयसवाल
भाई बहनदो भाई, तीन बहने
PHYSICAL APPEARANCE
ऊंचाई6ft, (1.83m)
वजन68 kg
रंगसांवला
आंखों रंगकाला
बालों का रंगकाला
CRICKET PROFILE
रोलओपनर बल्लेबाज
बल्लेबाजीबाएं हांथ के बल्लेबाज
गेंदबाजीदाया हांथ के गेंदबाज
टेस्ट डेब्यू 12 जुलाई 2020 वेस्ट इंडीज के खिलाफ
T20 डेब्यू 8 अगस्त 2023 वेस्ट इंडीज के खिलाफ
IPL डेब्यु 22 सितंबर 2020, (राजस्थान रॉयल्स)
कोच का नामज्वाला सिंह
इंस्टाआईडी@yashasvijaiswal28

यशस्वी जयसवाल जीवनी। yashasvi Jaiswal biography in hindi

  • यशस्वी जयसवाल एक युवा भारतीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी है। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के सुरियावां गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था। इनका उम्र अभी 22 वर्ष है।
  • यशस्वी बाएं हाथ के आक्रमक बल्लेबाज है। यह आईपीएल राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते और घरेलू क्रिकेट टीम में मुंबई के लिए खेलते हैं।
  • यशस्वी के छह भाई-बहन है उनमें से यह चौथे है। यशस्वी पहली बार तब सुर्खियों में आए जब 2015 के जाइल्स शील्ड टूर्नामेंट में नाबाद 319 रन बनाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया। और साथ ही दोहरा शतक बनाने वाले सबसे युवा क्रिकेटर भी बने।
  • बात करें इनकी क्रिकेट करियर की तो यशस्वी को बचपन से ही क्रिकेट का बहुत शौक था। उनका जन्म एक गरीब मिडिल क्लास फैमिली में होने के कारण उनका आर्थिक स्थिति बहुत खराब रहती थी।
  • घर के हालात इतने खराब थे, कि उनके पास एक बैट खरीदने का भी पैसा नहीं था। वह दिन भर पास के एक मैदान में क्रिकेट खेलते रहते थे।
  • यशस्वी अपनी उम्र और अपनी उम्र से बड़े प्लेयर के साथ क्रिकेट खेला करते थे। इसीलिए एक दिन उनके सीनियर के कहने पर मुंबई जाके खेलने का फैसला किया।
  • जब उन्होंने अपने पिता को कहा कि मुझे मुंबई जाकर खेलना है, तो शुरू में तो उनके घरवाले बिल्कुल भी राजी नहीं थे, क्योंकि इतनी छोटी उम्र में इतने बड़े शहर में अकेले रहना वहां पर सरवाइव करना इतना आसान बात नहीं था।
  • और यशस्वी के घर का आर्थिक स्थिति भी खराब थी ऐसे में मुंबई जैसे बड़े शहर का खर्चा उठा पाना उनके परिवार के लिए इतना आसान बात नहीं था। फिर भी यशस्वी के पिता मुंबई भेजने के लिए राजी हो गए।
  • उन्होंने यशस्वी को मुंबई में अपने भाई के घर ठहराने का फैसला किया पर मुंबई जाकर भूपेंद्र जी को यह पता चला कि उनके भाई भी जैसे तैसे करके अपना गुजारा कर रहे है। और उनके पास रहने के लिए इतनी भी जगह नहीं थी, कि वह यशस्वी को अपने घर में रख सके।
  • तब उनके पापा और चाचा ने मिलकर एक दूध की डायरी में रहने का इंतजाम किया। वहीं पर काम करने, सोने और खाने की भी सुविधा थी। यशस्वी इस काम के लिए तैयार हो गए और वहां रहने लगे। क्योंकि इसके अलावा उनके पास और कोई चारा भी नहीं था। और वह अपने घर वापस भी नहीं जाना चाहते थे।
  • डायरी सुबह बहुत जल्दी ही खुल जाती थी, और उन्हें सुबह ग्राउंड में प्रेक्टिस करने के लिए भी जाना पड़ता था। फिर भी जैसे तैसे करके यशस्वी वहां पर काम करते थे।
  • यशस्वी डायरी में छोटे-मोटे सारे काम करते थे जैसे कि किसी को पानी देनी हो,चाय देनी हो, दूध गर्म करनी हो, या फिर झाड़ू पोछा लगानी हो सारे तरह के काम करते थे। जिससे उन्हें रहने और खाने को मिल जाती थी। डायरी में रहने के लिए कोई स्पेशल रूम या बेड नहीं था बल्कि वही पर कहीं पे भी जमीन में सो जाते थे।
  • यशस्वी रोज सुबह उठकर खेलने आजाद मैदान जाया करते थे और अपने से बड़े प्लेयर को देखकर सीखा करते थे। और जाहीर सी बात है उनका वहां अपना पहचान का कोई नहीं था।
  • यशस्वी शुरुआत के दिनों में तो डायरी में अच्छे से काम करते थे। लेकिन जब क्रिकेट में ज्यादा ध्यान देने लगे और डायरी में कम, तब डायरी के मालिक को लगने लगा कि यह कुछ काम वगैरा कर नहीं रहा है, तो उन्होंने यशस्वी से कहा कि तुम दूसरा कोई जगह देख लो।
  • एक दिन जब यशस्वी प्रेक्टिस करके वापस आए तब डायरी के मालिक ने उनका सामान बाहर निकाल कर रख दिया था और बोला अब तुम यहां नहीं रहोगे।
  • यशस्वी को इस तरह निकाल देने से उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था, कि वह कहां जाए, कहां रहे और क्या खाए। उस दिन तो जैसे तैसे करके वहीं पर रुक गए। फिर उसके बाद आजाद मैदान गए और आजाद मैदान के कोच को कॉल किया और सारा घटना बताया।
  • यशस्वी ने अपने घरवालों को इस बारे में कुछ नहीं बताया क्योंकि उनको पता था, कि अगर इस बारे में घरवालों को बताया तो वह बहुत परेशान हो जाएंगे और फिर वापस गांव बुला लेंगे।
  • यशस्वी ने उसके बाद आजाद मैदान चले गए और फिर आजाद मैदान के कोच को कॉल किया और सारा घटना बताया तब सर ने उन्हें अपना सामान लेकर अपने घर में बुलाए। कोच का भी घर छोटा सा था उनको भी यशस्वी को रखने के लिए उतना कंफर्टेबल नहीं थे।
  • तो फिर सर ने यशस्वी को बोला कि एक टेंट रहने के लिए मिल सकता है, अगर तुम एक मैच में अच्छे से प्रदर्शन करोगे तो। फिर उनको आजाद मैदान के एक टेंट में रहने का अनुमति मिल गई।
  • इस बात से यशस्वी इतने खुश हुए जैसे उन्हें रहने के लिए राजमहल मिल गया हो। एसएससी इस बात से खुश थे की कम से कम यहां जल्दी उठकर प्रैक्टिस कर सकता हूं , सबसे जल्दी उठकर मैदान में खेल सकता हूं। उस समय वह बहुत पॉजिटिव फील कर रहे थे।
  • हालांकि टेंट में रहने के लिए कोई सुविधा नहीं थी ना सोने के लिए बेड था, ना बाथरूम था, ना बिजली थी,ना पीने के लिए पानी था और ना ही खाना बनाने के लिए किचन था।
  • यशस्वी को रहने के लिए तो टेंट मिल गया लेकिन अभी भी खाने का कोई ठिकाना नहीं था। इसीलिए आजाद मैदान पर छोटे-मोटे काम करते थे जैसे कि बोल ढूंढ कर लाना, स्कोरिंग और अंपायरिंग करना, अपने से बड़े-बड़े प्लेयर की मदद करना और शाम को पानी पुरी के शॉप में भी काम करते थे। जिससे यशस्वी अपने रहने खाने का खर्चा निकाल लेते थे।
  • जब भी यशस्वी के दोस्त पानी पुरी खाने दुकान पर आ जाते थे। तब यशस्वी वहां से भाग जाते थे। वहां के अंकल गुस्सा हो जाते थे और यशस्वी डाटते भी थे।
  • आजाद मैदान के कुछ सीनियर प्लेयर और मैदान में काम करने वाले कुछ कर्मचारी यशस्वी से जलते भी थे। जिसके चलते उनको गालियां भी देते थे और कभी-कभी तो मार भी खानी पड़ती थी। इस सबसे बचने के लिए सबके लिए खाना भी बनाना पड़ता था। जिससे उसको भी खाना खाने का इंतजाम हो जाता था।कभी-कभी तो यशस्वी को वह दिन भी देखने पड़ते थे, जब वह भूखे पेट ही सो जाते थे।
  • टेंट में रहना इतना आसान बात नहीं था।क्योंकि वह वहां पर अकेले रहते थे फिर भी जैसे तैसे करके रह लेते थे। लेकिन सबसे मुश्किल टेंट में गर्मी और बरसात के दिनों में होता था। गर्मी के वजह से वह टेंट के बाहर सो जाते थे, इसकी वजह से उनको कीड़े मकोड़े भी काट लेते थे जिसके कारण उनके फेस में सूजन हो जाती थी।
  • सबसे ज्यादा दिक्कत तो तब होती थी जब बरसात के दिनों में टेंट में पानी चुना और टेंट में पानी भर जाने के कारण बार- बार जगह बदलने पड़ती थी। और भी बहुत सारे मुश्किलें झेलने पड़ती थी, जैसे रात को बाथरूम जाना और बरसात के दिनों में टॉयलेट जाना बहुत ही दिक्कत होती थी, क्योंकि उनके टेंट में टॉयलेट नहीं थी। इसके कारण उनको आधा किलोमीटर दूर टॉयलेट के लिए जाना पड़ता था।
  • लेकिन लाखों कठिनाई के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और पूरा मन लगाकर क्रिकेट में ध्यान दिया करते थे। इसी तरह लगभग 3 साल टेंट में रहे।
  • यशस्वी एक दिन अपनी प्रैक्टिस कर रहे थे, तब अचानक से ज्वाला फाउंडेशन नाम के एक क्रिकेट एकेडमी के कोच ज्वाला सिंह की नजर यशस्वी पर पड़ी, जो बहुत ही अच्छा खेल रहे थे। उन्होंने लोगों से यशस्वी के बारे में पूछा और उन्होंने खुद जाकर यशस्वी से बात की।
  • तब जाकर उन्हें पता चला की यशस्वी की हालत वैसे ही है, जैसे कभी ज्वाला सिंह की भी हुआ करती थी। और ज्वाला सिंह को सबसे बड़ी हैरानी तो तब हुई जब उन्हें यह पता चला की यशस्वी को अभी तक सही गाइडेंस नहीं मिला है। लेकिन फिर भी वह सबसे अच्छा खेल रहे थे।
  • उनकी यह हालातो को देखकर ज्वाला सिंह यशस्वी को अपने घर ले गए और फ्री ट्रेनिंग देने का फैसला किया। और यशस्वी के पिता से भी बात करके उन्हें तसल्ली दी कि अब आपका बेटा मेरे पास रहेगा और उसकी पूरे जिम्मेदारी मेरी है। इसके बाद ज्वाला सिंह ने यशस्वी की पूरी तरह से मदद की और उन्हें सबसे अच्छा ट्रेनिंग भी दी।
  • यशस्वी ने भी मेहनत करने से पीछे नहीं हटे और उन्होंने मन लगाकर मेहनत की। और अब बारी थी, उनके मेहनत का फल मिलने का और इसीलिए साल 2015 में यशस्वी ने जाइल्स शील्ड टूर्नामेंट में नाबाद 319 रन बनाए और साथ में ही 99 रन देकर 13 विकेट भी चटकाए। इस जोरदार प्रदर्शन के कारण उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ।
  • इसके बाद यशस्वी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और खेलते रहे। और फिर इनको मुंबई अंडर-16 टीम में भी चुने गए। और फिर इनको इंडिया अंडर-19 टीम में भी हिस्सा मिला l
  • साल 2018 में अंडर-19 एशिया कप में यशस्वी ने 318 रन बनाकर हाईएस्ट स्कोर बनाएं। और इस टूर्नामेंट के प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे।
  • साल 2018 में सचिन तेंदुलकर सर ने भी यशस्वी को बहुत सारी शुभकामनाएं दी। और उन्होंने यशस्वी को एक बैट भी गिफ्ट किया जिसमें सचिन सर ने अपना ऑटोग्राफ भी दिया था।
  • इसके बाद 28 सितंबर 2019 में विजय हजारे ट्रॉफी में मुंबई के लिए लिस्ट ए में अपना डेब्यू किए। विजय हजारे ट्रॉफी के मैच में झारखंड के खिलाफ मुंबई की ओर से 164 गेंद में 203 रन बनाए और विजय हजारे ट्रॉफी में दोहरा शतक लगाने वाला सबसे कम उम्र के युवा क्रिकेटर बन गए। और इस साल केवल 17 साल 292 दिन के थे।
  • यशस्वी की इतनी शानदार प्रदर्शन के वजह से साल 2020 में होने वाले अंडर-19 विश्व कप के लिए टीम इंडिया में चुने गए। इस टूर्नामेंट में यशस्वी सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी रहे। उन्होंने 6 मैच में 400 रन बनाया था। इस टूर्नामेंट में यशस्वी जयसवाल ने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में शानदार शतक जड़ा। जिसमें भारत ने पाकिस्तान को 10 विकेट से हराया और वह इस मैच में 105 रन बनाकर नॉट आउट रहे और भारत को फाइनल में पहुंचाया। यशस्वी को इसके लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवार्ड मिला।
  • इसके बाद 2020 आईपीएल के नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने यशस्वी को 2.4 करोड़ में खरीदा। हालांकि यशस्वी को उस सीजन अपने आप को साबित करने के लिए ज्यादा मौके नहीं मिले उन्हें मात्र तीन मैचों में खिलाया गया जिसमें उन्होंने 40 रन बनाया।
  • इसके बाद 2021 आईपीएल में भी राजस्थान रॉयल्स ने यशस्वी को अपने टीम में बनाए रखा, और यशस्वी को दोबारा आईपीएल में अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिला, उन्होंने इस बार 10 इनिंग में 25 के औसत से 249 रन बनाएं। उन्होंने इस बार सीएसके के खिलाफ अपना पहला अर्धशतक लगाया।
  • 2022 आईपीएल में भी उन्होंने लगभग इसी औसत से 10 मैचों में 258 रन बनाए लेकिन इस बार उनका हाईएस्ट स्कोर 68 का रहा जो कि पहले से बेहतर था।
  • 2023 की आईपीएल में यशस्वी जायसवाल ने जबरदस्त प्रदर्शन करके दिखाया और आक्रमक अंदाज में पूरे टूर्नामेंट में बल्लेबाजी की। उन्होंने 2023 आईपीएल में मुंबई इंडियंस के खिलाफ एक शतक जड़ा और टोटल पांच अर्धशतक भी लगाए। उन्होंने 2023 आईपीएल में 14 मैचों में 48 की औसत और 163 के स्ट्राइक रेट से 625 रन बनाएं। और 2023 में ऑरेंज कैप की सूची में वह पांचवें पायदान पर रहे।

यशस्वी जयसवाल इंटरनेशनल डेब्यू

  • टेस्ट डेब्यु 12 जुलाई 2023 को वेस्टइंडीज के खिलाफ
  • T20 डेब्यू 8 अगस्त 2023 को वेस्टइंडीज के खिलाफ
  • आईपीएल डेब्यु 22 सितंबर 2023,(राजस्थान रॉयल्स
  • वनडे डेब्यू – अभी तक वनडे में डेब्यू नहीं किए हैं।

यशस्वी जयसवाल परिवार

यशस्वी का जन्म एक बहुत ही गरीब मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था उनके घर का आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब था। यशस्वी के पिता भूपेंद्र जयसवाल अपने गांव में एक छोटे से हार्डवेयर के दुकान में चलते थे। और उनकी मां का नाम कंचन जयसवाल है,जो की एक हाउसवाइफ थी l यशस्वी कुल 6 भाई बहन है, जिनमें से वे चौथे नंबर के हैं। यशस्वी के तीन बहन और दो भाई है। यशस्वी की शादी की बात करा जाए तो वह अभी अविवाहित हैबात करें उनकी गर्लफ्रेंड की तो हमें ज्ञात नहीं है। वह अभी अपने परिवार के साथ मुंबई में 5 बीएचके घर में रहते हैं।

यशस्वी जयसवाल की शिक्षा

बात करें इनकी पढ़ाई की तो यशस्वी को बचपन से ही क्रिकेट खेलते का शौक था। और उनकी आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह ज्यादा पढ़ाई नही कर पाए। यशस्वी ने शुरुआती के पढ़ाई अपने गांव के बीपीएमजी पब्लिक स्कूल से की थी। उसके बाद 11 साल की उम्र में जब वह क्रिकेट ट्रेनिंग के लिए मुंबई चले गए तब बाकी की स्कूलिंग की पढ़ाई वही से रिजर्व स्प्रिंगफील्ड हाई स्कूल से पूरी की।

यशस्वी जयसवाल नेटवर्थ। Yashasvi Jaiswal networth

यशस्वी जयसवाल के नेटवर्थ की बात की जाए तो वह अभी करोड़ों के मालिक है यशस्वी जयसवाल का कुल इनकम लगभग 16 करोड़ रूपया है। 2022 में उनका इनकम 12 करोड़ रुपया थी। साल 2020 में राजस्थान रॉयल्स ने आईपीएल में 2.4 करोड़ में खरीदा था। फिर 2021 में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 2.5 करोड़ में ही रिटेन किया। साल 2022 में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें चार करोड़ में रिटेन किया। फिर साल 2023 में भी उनको 4 करोड़ अपने साथ जोड़े रखा। बात करें उनकी अभी तक का आईपीएल की कमाई तो लगभग 12 करोड़ 80 लाख रुपया है। यशस्वी का नेटवर्थ 2018 में लगभग 0.5 करोड़ रूपया थी, और 2019 में बढ़कर 1.2 करोड़ रूपया हो गई। वही 2020 में उनकी नेटवर्थ बढ़कर 4 करोड़ रूपया हो गई। 2021 में उनका इनकम बढ़कर लगभग 8 करोड़ रूपया हो गई और 2022 में बढ़कर लगभग 12 करोड़ रूपया हो गई। 2023 की बात करें तो उनकी कुल इनकम लगभग 16 करोड़ के आस पास थी। यशस्वी जयसवाल का सालाना इनकम की बात करें तो लगभग 4 करोड़ है जबकि मंथली इनकम की बात करें तो लगभग 35 लाख से भी ज्यादा है। यशस्वी घरेलू क्रिकेट टीम में मुंबई की ओर से खेलते हैं वहां से भी उनकी कमाई अच्छी खासी होती है। साथ ही टेस्ट और T20 में भी डेब्यू कर चुके हैं, जिससे उन्हें हर एक मैच का फीस दिया जाता है। यशस्वी एड्स भी करते हैं जिससे वह लगभग एक करोड़ के आसपास कमाते हैं। यशस्वी हाल ही में मुंबई में एक पांच बीएचके के फ्लैट खरीदें हैं जिसकी कीमत करोड़ों में है। साथी ही उनके पास एक मर्सिडीज़ SUV कार भी हैं।

यशस्वी जयसवाल रिकॉर्ड्स

  • 2015 में जाइल्स शील्ड टूर्नामेंट में नाबाद 319 रन बनाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया।r
  • 2018 में अंदर-19 एशिया कप में हाईएस्ट स्कोर बनाने वाले भी रहे और इस टूर्नामेंट के प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे।
  • 2019 में लिस्ट ए क्रिकेट टीम में डबल सेंचुरी लगाने वाले सबसे कम उम्र के क्रिकेटर बने।
  • 2020 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में शतक भी लगाया और प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवार्ड भी मिला था।
  • 11 मई 2023 को आईपीएल इतिहास में सबसे तेज अर्धशतक लगाने वाले बल्लेबाज भी बने। उन्होंने 13 गेंदों में 50 रन बनाए थे।
  • 30 अप्रैल 2023 में राजस्थान रॉयल्स टीम के शतक लगाने वाले सातवें बल्लेबाज बने। इसके अलावा आईपीएल में शतक लगाने वाले चौथे सबसे युवा खिलाड़ी भी बने।

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